26 नवंबर 2014

मैं और वह

------------------कविता-श्रृंखला
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म्यूज़िक लाइब्रेरी में एक पुराना रिकॉर्ड तलाशते हुए उसने कहा :
सब थे यहां, जब तुम नहीं थे
जब तुम थे, कोई नहीं था दूर-दूर तक
मैंने कहा : अब ?
अब सब हैं यहां, और तुम भी हो : उसने कहा
मैंने कहा : कोई नहीं है यहां, मैं भी नहीं, सिर्फ तुम हो
क्या फर्क पड़ता है अगर मैं हूं,
तुम तो नहीं हो ना :
पुराने रिकार्ड पर ग्रामोफोन की नीडल रखते हुए उसने कहा
हमारे कहने और सुनने के बीच घूमती हुई ख़ामोशी में
हम कहीं तो थे : मैंने सोचा
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[दिलीप शाक्य ]

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