17 नवंबर 2014

मैं और वह

------------------कविता-श्रृंखला
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प्रयोगशाला में बहुत सन्नाटा था, जब मैंने उससे कहा : हाइड्रोजन
वह मुस्कुराई और उसने कहा : ऑक्सीजन
हाइड्रोजन : मैंने एक खाली वीकर उठाया और फिर उसी संजीदगी से कहा
उसके दोबारा मुस्कुराने से पहले ही पानी का जन्म हो चुका था
मैंने कहा: ताजमहल
उसने कहा: यमुना नदी
और हम प्रयोगशाला से बाहर आ गए
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[दिलीप शाक्य ]

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