19 अप्रैल 2014

[Remembering Gabriel Garcia Marquez
who left a great solitude behind..]

गैब्रियल गार्सिया मार्केज़ तुम्हारे माकोन्दो विलेज की
रेमेदियोस द ब्यूटी तो नहीं थी वो?
जो हमारे क़स्बों की सरहदों पर उठे पीले आसमानों में
अपना नीला उत्तरीय लपेटे
उड़ गयी थी एक अलसायी दोपहर
वह एक अपार्टमेंट के बाथरूम में नहाते हुए
देख रही है मुझे
किसी अंतरिक्ष की बालकनी से..
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few lines from गुलाब की पत्तियां और कैंची/दिलीप शाक्य

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