नया सफ़र हो नया रास्ता नयी मंज़िल
ये रात चाहेगी कहना सुब्ह के कानों में
तो क्यों न मैं भी सुनूं बात इन सितारों की
मेरे भी वास्ते कुछ तो है आसमानों में
कहीं तो बर्फ़ गिरी है हवा है सर्द बहुत
तेरे लबों की चुभन बढ़ रही है शानों में
मिलाए रुख़ तो लिपट जाएं उसके सीने से
खड़े हैं हम भी ज़माने से क़द्रदानों में
ये इश्क़ तेरा अवामी नहीं सियासी है
वो सोज़ आए तो कैसे तेरे बयानों में
मेरे अहद के ख़रीदार हैं समझते हैं
पुराना माल न बेचो नयी दुकानों में
बदल के भेस नया रोज़ ख़ुद को ठगता हूं
न ऐसा पाओगे अय्यार दास्तानों में
ये रात चाहेगी कहना सुब्ह के कानों में
तो क्यों न मैं भी सुनूं बात इन सितारों की
मेरे भी वास्ते कुछ तो है आसमानों में
कहीं तो बर्फ़ गिरी है हवा है सर्द बहुत
तेरे लबों की चुभन बढ़ रही है शानों में
मिलाए रुख़ तो लिपट जाएं उसके सीने से
खड़े हैं हम भी ज़माने से क़द्रदानों में
ये इश्क़ तेरा अवामी नहीं सियासी है
वो सोज़ आए तो कैसे तेरे बयानों में
मेरे अहद के ख़रीदार हैं समझते हैं
पुराना माल न बेचो नयी दुकानों में
बदल के भेस नया रोज़ ख़ुद को ठगता हूं
न ऐसा पाओगे अय्यार दास्तानों में
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