की-बोर्ड पर झुकी उँगलियों ने जैसे ही टाइप की
उजाले की स्पेलिंग
रात के अँधेरे में डूब गई
सात रंगों की विशाल आसमानी स्क्रीन
जल उठा
चाँद का दूधिया मिंटल
अंतरिक्ष में जुगनुओं की तरह
फैल गए सितारों के छिपे हुए जुलूस ...
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[दिलीप शाक्य / लम्बी कविता 'आग के उदास स्केच' से एक अंश ..]
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