उसने फिर डूबने आंखों में बुला रक्खा है
किश्तियों में कोई दरिया सा छुपा रक्खा है
तूूने हर सू उसे अफ़साना बना रक्खा है
छोड़ अफ़साने को अफ़साने में क्या रक्खा है
आईना छोड़ मेरे अक़्स मेरे पीछे आ
देख किसको तेरे बदले में बुला रक्खा है
मैं ज़माने के किसी काम का अब कैसे रहूं
उसकी हर बात ने दीवाना बना रक्खा है
शाख़ की अश्क़फ़िशानी है जिसे गुल कहिए
मेरा रोना है जो बादल ने उठा रक्खा है
दिल की तस्वीर में सांसों का धड़कना देखूं
मैंने कानों को भी आंखों से लगा रक्खा है
जान लेकर भी हमें जां नहीं देने देती
नाम हमने तेरा ऐ जान, अदा रक्खा है
दर्द का क्या है सितारों सा लुटाएंगे इसे
नूर सारा तेरी राहों में बिछा रक्खा है
वक़्त-ए-आख़िर हमें सीने से लगाओ तुम ही
मौत को हमने ये फ़रमान सुना रक्खा है
आग शम्ओं की जला देगी है मालूम हमें
फिर भी परवाना हवाओं में उड़ा रक्खा है
जुस्तज़ू है तेरी सैराब सी, ले आयी है
वरना सहराओं की इस सैर में क्या रक्खा है
तुम कभी गुज़रो इधर से तो सदाएं सुनना
दिल ने सहरा में भी इक बाग़ खिला रक्खा है
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दिलीप शाक्य
किश्तियों में कोई दरिया सा छुपा रक्खा है
तूूने हर सू उसे अफ़साना बना रक्खा है
छोड़ अफ़साने को अफ़साने में क्या रक्खा है
आईना छोड़ मेरे अक़्स मेरे पीछे आ
देख किसको तेरे बदले में बुला रक्खा है
मैं ज़माने के किसी काम का अब कैसे रहूं
उसकी हर बात ने दीवाना बना रक्खा है
शाख़ की अश्क़फ़िशानी है जिसे गुल कहिए
मेरा रोना है जो बादल ने उठा रक्खा है
दिल की तस्वीर में सांसों का धड़कना देखूं
मैंने कानों को भी आंखों से लगा रक्खा है
जान लेकर भी हमें जां नहीं देने देती
नाम हमने तेरा ऐ जान, अदा रक्खा है
दर्द का क्या है सितारों सा लुटाएंगे इसे
नूर सारा तेरी राहों में बिछा रक्खा है
वक़्त-ए-आख़िर हमें सीने से लगाओ तुम ही
मौत को हमने ये फ़रमान सुना रक्खा है
आग शम्ओं की जला देगी है मालूम हमें
फिर भी परवाना हवाओं में उड़ा रक्खा है
जुस्तज़ू है तेरी सैराब सी, ले आयी है
वरना सहराओं की इस सैर में क्या रक्खा है
तुम कभी गुज़रो इधर से तो सदाएं सुनना
दिल ने सहरा में भी इक बाग़ खिला रक्खा है
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दिलीप शाक्य
कल 01/जून /2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
बहुत सुंदर ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंमैं ज़माने के किसी काम का अब कैसे रहूं
जवाब देंहटाएंउसकी हर बात ने दीवाना बना रक्खा है
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल,, दीवानगी में ऐसा ही होता है